९. सीलबंद बोतल
समुद्र की फेनिल लहरों ने उसे यूरोपीय किनारे पर उछाल दिया. बोतल को
कार्बोलिक एसिड से अच्छी तरह धोया गया और, खुद लार्ड की उपस्थिति में, खोला गया.
अन्दर से एक कागज़ निकला जिस पर इथोपियन
में लिखा गया था. अनुभवी अनुवादक ने मुश्किल से इस लिखाई को पढ़कर उसे ग्लिनर्वान
को थमा दिया. ये मदद के लिए एक बदहवास गुहार थी.
“हम भूख से मर रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चे मर रहे हैं. हैजा अभी भी तांडव मचा
रहा है. क्या हम इंसान नहीं हैं? द्वीप पर डबल रोटी भेजिए! आपके, आपसे प्यार करने वाले इथोपियन्स.”
द्वीप से बोतल द्वारा भेजे गए सन्देश से रिकी-तकी-तवी गुस्से से हरा हो गया
और चीखते हुए लार्ड के पास पहुँचा.
“मेहेरबान लार्ड, खुदा के लिए! उन्हें वहां मर जाने दें! पहले तो उन्होंने विद्रोह करने की
जुर्रत की, ऊपर से उन्हें ब्रेड भी
दो...”
“मेरा ऐसा करने का कोइ इरादा नहीं है,” लार्ड ने ठंडेपन से विरोध किया और चाबुक से भूतपूर्व फ़ौजी कमांडर को टीले
की चोटी पर घसीटता रहा, जिससे वह आगे से बिन मांगी सलाह देने की हिम्मत न करे.
“सच बात ये है कि ये बिलकुल सुअरपन है,” मिशेल अर्दान ने दबी जुबान से कहा, “कम से कम कुछ मक्का तो भेज सकते
थे...”
“आपकी सलाह के लिए बहुत शुक्रगुज़ार हूँ. महाशय,” रूखेपन से लार्ड ने उसकी बात काटी, “मगर इसका पैसा मुझे कौन देगा? इसके बगैर भी मूरों का ये
कचरा जल्दी ही हमारा आख़िरी निवाला भी खा जायेंगे. महाशय, मैं आपसे विनती करूंगा कि
भविष्य ऐसी बेवकूफी भरी सलाह न दें.”
“क्या आप ऐसा सोचते हैं, महाशय?” फ्रेंच व्यक्ति व्यंग्य से
आंखें सिकोड़ते हुए कहता रहा, “उस हालत में मेहेरबानी करके आप मझे द्वंद्व युद्ध के लिए आपकी सुविधानुसार
समय दें. मैं कसम खाता हूँ , प्रिय महाशय, कि बीस कदम की दूरी से मैं आपके कुलीन
माथे में उतनी ही सफाई से गोली घुसा दूँगा, जैसे ‘नोत्र दाम कैथेड्रल’ में.”
“अफसोस है, महाशय, कि मैं आपको मुबारकबाद नहीं
दे सकता, अगर आप मुझसे बीस कदम की
दूरी पर होंगे,” लार्ड ने जवाब दिया, “क्योंकि तब आपका वज़न उस
गोली जितना बढ़ जाएगा, जो मैं आपकी आंख में घुसाने पर मजबूर हो जाऊंगा.”
द्वंद्व युद्ध के लिए लार्ड का गवाह बना सर फिलियास फोग, अर्दान का गवाह – प्रोफ़ेसर
पगानेल. अंत में अर्दान का वज़न अपरिवर्तित रहा. अर्दान का निशाना लार्ड की अपेक्षा
अधिक परिणामकारी था. सिर्फ उसने लार्ड को नहीं, बल्कि एक मूर को चकित किया. मूर आसपास की झाड़ियों में छुपकर बैठ गए और
उत्सुकता से दो कुलीन आदमियों के द्वंद्व युद्ध को देखने लगे. अर्दान की गोली
इन्हीं उत्सुक दर्शकों में से एक की आँखों
के बीचोंबीच घुस गई. गरीब बेचारे के प्राण पखेरू होश में आये बगैर उड गए.
मिशेल अर्दान और लार्ड ग्लिनर्वान ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और दोनों
जेंटलमेन गरिमा के साथ एक दूसरे से बिदा हुए.
और द्वंद्व युद्ध के शिकार को वहीं झाड़ियों में दफ़न कर दिया गया.
इस तरह यह नाटकीय द्वंद्व-युद्ध संपन्न हुआ, मगर सीलबंद बोतल का मामला
अप्रत्याशित रूप से आगे बढ़ता रहा. पता चला, कि पत्थर तोड़ने वालों में से सभी
रिकी-टिकी-तवी के नज़रिए से सहमत नहीं थे. उन्हीं में कुछ उपद्रव फैलाने वाले भी थे,
जिन्होंने लाल-द्वीप के सन्देश को किसी और ही तरह से समझा. अगली ही रात को पचास मूरों
ने खदान से साहसी पलायन किया, डोंगी में बैठे और लार्ड के नाम बेहद अशिष्ठता भरा सन्देश छोड़कर उन्होंने यूरोपीय
किनारे को छोड़ दिया:
“ आप सबको धन्यवाद देते हैं कार्बोलिक-हम्माम के लिए और भैंसों की नसों के
कोड़ों वाले संवेदनशील
उस्तादों के लिए. और तू, बुर्झुआ, नासपीटा लार्ड, हमारे हाथों में फिर से आयेगा, और तब, हम इस तरह से तेरा
शुक्रिया अदा नहीं करेंगे. हम तेरी टांगों को उखाड़कर फेंक देंगे! और अभी हम अपने
द्वीप वापस जा रहे हैं, इथोपियन्स के साथ शान्ति और भाईचारा बनाने के लिए. तेरे
सडे हुए मकई-गोमांस से बेहतर है अपनी मातृभूमि में हैजे से दम तोड़ना. सबका सलाम –
मूर”.
यूरोपीय
किनारे से भागते हुए मूर अपने साथ दूरबीन, टूटी हुई मशीनगन, गाढे दूध के सौ डिब्बे, पहले से ही तोड कर निकाले गए दरवाजों के छह चमचमाते
हैंडल्स, दस रिवॉल्वर और दो गोरी औरतें ले गए.
लार्ड ग्लिनर्वान
ने सभी बचे हुए मूरों को कोड़े लगाने का हुक्म दिया और अपनी नोट बुक में भगोड़ों
द्वारा चुराई गई चीज़ों का सही-सही मूल्य लिख लिया.
No comments:
Post a Comment