Wednesday, 24 August 2022

लाल द्वीप - १४

 

१४. अंतिम ‘सॉरी

 

रात को लाल द्वीप के ऊपर का उष्णकटिबंधीय आकाश रंगबिरंगी त्यौहार की रोशनियों से जगमगा उठा, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था. और पास से गुज़रते हुए जहाज़ों से अर्जेंट रेडियोग्राम्स उड रहे थे:

 

“द्वीप पर अभूतपूर्व पैमाने पर उत्सव विश्राम पूरे द्वीप पर नारियल से बनी शराब घूम रही है!”

इसके बाद पैरिस में ऐफिल टॉवर के रेडिओ एंटेना पर हरी बिजलियाँ कौंधने लगीं, जो उपकरणों में ऐसे     

ध्रुष्ठता भरे शब्दों में परिवर्तित हो गईं, जैसे पहले कभी सुने नहीं थे:

“ग्लिनर्वान और अर्दान को! हमारे महान एकीकरण का त्यौहार मनाते हुए, वहाँ से आपको ठेंगा भेज रहे हैं , कु...(अश्रव्य) कि हमने आप पर भरोसा किया...(अनुवाद न करने योग्य यमक)...संवारा गया...(अश्रव्य) सादर इथोपियान्स और मूर!.”

“बंद करो यंत्र को!” मिशेल अर्दान गरजा.

रेडियोवाणी बंद हो गई. हरी बिजलियाँ बुझ गईं, और आगे क्या हुआ – कोई नहीं जानता.

 

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